

कोरबा: निगम के अभियंताओं ने मुख्य सड़कों के प्राक्कलन में निम्न दर्जे के डामर को लगवा कर ठेकेदार को किया बदनाम और खुद को बताया पाक साफ, जबकि ठेकेदार ने निविदा में दिए सभी नियम अनुसार पूरे मापदंड को ध्यान में रखते हुए पूरा काम किया था। दूसरे विभाग के अधिकारियों की समिति के सत्यापन के बाद किए गए ठेकेदार को हर एक भुगतान तो फिर ठेकेदार कहां तक गलत।निगम द्वारा ठेकेदार के राजसात किए गए कार्यों का 3 माह पहले ही पीजी समयावधि समाप्त हो चुका था। ठेकेदार द्वारा पीजी की 3 वर्ष की समय समाप्त होने के बाद दो से तीन बार राशि वापस करने के लिए पत्र लिखा गया जिसके बावजूद निगम के अधिकारियों और आयुक्त द्वारा अवैधानिक तरीके से 3 माह बाद जुलाई में बैक डेट पे नोटिस जारी करते हुए राशि को राजसात कर दिया गया।ठेकेदार ने निगम अधिकारियों के द्वारा बनाए गए निविदा प्राक्कलन के अनुसार ही पूरा कार्य किया था, बल्कि निगम अधिकारियों द्वारा ठेकेदार के डामर प्लांट से सड़क निर्माण होने वाली साइट तक पूरा कार्य विभागीय देख रेख में करवाया जाता था। विभाग द्वारा की गई गलतियों पर आयुक्त द्वारा किसी भी अधिकारी पर अभी तक कोई कार्यवाही ना कारण एक सवालिया निशान छोड़ता है।इन कार्यों मे कोरबा निगम अधिकारियों के अलावा कुछ और विभाग के अधिकारियों की कमिटी द्वारा सत्यापन के बाद ही ठेकेदार को हर भुगतान किया गया है। यहां तक की डामर की जो मात्रा का उपयोग करने को विभाग द्वारा बोला गया था उसका भी पूरा पालन ठेकेदार द्वारा किया गया है, जिसका गुणवक्ता टिप भी कार्य करवाने वाले अधिकारियों ने दिया है।बहुत ही जरूरी और समझने वाली बात यह है की उस दौरान निकाली गई 07 निविदाओं में से एक भी सड़क अब सही नहीं बची है। जबकि उन 07 में से 03 कार्य दूसरे ठेकेदार द्वारा किया गया है और वह तीनों सड़क भी खस्ताहाल स्थिति में है, जबकि वह समयावधि के अंतर्गत है।इससे ये तो बिल्कुल साफ होता है की, कहीं ना कहीं खामी विभागीय अधिकारियों द्वारा जारी की गई निविदा में ही थी और ठीकरा निविदा में दिए मापदंड के अनुसार कार्य करने वाले ठेकेदार पर फोड़ दिया गया है।फिलहाल मामला हाई कोर्ट में है और न्यायधीश द्वारा निगम आयुक्त को जवाब देने हेतु नोटिस जारी किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगई का कहना की उस दौरान कुल 07 सड़कों के डामरीकरण की निविदा हुई थी जिसमे से 04 सड़कें हुई खराब और 03 बिल्कुल ठीक, पर जब हमारे साथियों ने आयुक्त द्वारा बोली गई इन बातों की जानकारी लेने के लिए घरतल पर सभी सड़कों का दौरा किया तो पता चला कि दूसरे ठेकेदार के द्वारा बनाई गई वो बाकी 03 सड़क भी पूरी तरह से उजड़ चुकी है और फिलहाल उस दूसरे ठेकेदार द्वारा कुछ जगह पर कालिख पोती जा रही है।यहां तक कि हाल ही में 1-2 वर्ष के अंदर कोरबा निगम ने कुछ बाहर के ठेकेदारों से अंदरूनी सड़कों को बनवाया है, जिसके प्राक्कलन में निम्न दर्जे का डामर लिया गया था जिसे निविदा खुलने के बाद रिवाइज करते हुए (डामर का मैटेरियल बदल कर) उच्च दर्जे के डामर वाली सड़कों में तब्दील किया गया पर उसमें भी कई सड़कों का बहुत बुरा हाल है। अंदरूनी सड़कों पर उच्च दर्जे का डामर और मुख्य सड़कों पर निम्न दर्जे का डामर लगवाना और ऐसा प्राक्कलन बनाना निगम के अधिकारियों की उच्च दर्जे की सोच को दर्शाता है। क्या ऐसे में आयुक्त कर रही हैं अधिकारियों का बचाओ।
