
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 45 000 कर्मचारी संविदा रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कर्मचारियों ने अपने संगठन के बैनर तले नियमित करने संबंधी वादा याद कराते हुए राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कोरबा नगर में रैली भी निकाल
नगरी निकाय सहित विभिन्न विभागों में संविदा आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या कोरबा जिले में लगभग 2000 के आसपास हैम जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में ऐसे 45 हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कर्मचारियों को इस तरह से काम करते हुए कई दशक हो चुके हैं। कर्मचारियों को लगातार इस मामले में सरकारों से आश्वासन मिलते रहे हैं लेकिन नियमितीकरण नहीं हो सका है। कोरबा में पुरातत्व संग्रहालय के सामने कर्मचारियों ने नारेबाजी करने के साथ सरकार को उसका पिछला वायदा याद कराया। कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि पिछले चुनाव के दौरान कांग्रेस के द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही गई थी । अब अगला चुनाव आने वाला है और कांग्रेस कि घोषणा का अता-पता नहीं है। कौशलेश तिवारी, जिलाध्यक्ष संविदा कर्मचारी संघ

संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन शुरू किया है और इसी कड़ी में उसकी एक रथ यात्रा भी भ्रमण कर रही है। इसके माध्यम से सरकार को सचेत करने का काम किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ महीने बाकी रह गए हैं। ऐसी स्थिति में विभिन्न न कर्मचारी संगठन लंबित मांगों और घटनाओं को लेकर सरकार पर दबाव बनाने में लगे हुए हैं । देखना होगा कि इस तरह की मांगो और अपनी घोषणाओं के परिपेक्ष में सरकार की ओर से क्या कुछ गंभीरता दिखाई जाती है।