

कोरबा।एक अधेड़ पाइल्स की बीमारी से ग्रसित था. वह अपना उपचार किसी अस्पताल में कराने के बजाय झोलाछाप डॉक्टर पर आश्रित था. जिससे उसकी सेहत बिगड़ती गई. आखिरकार नौबत आत्मघाती कदम उठाने तक पहुंच गई. उसने घर में रखे कीटनाशक का सेवन कर लिया. उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

मोरगा पुलिस चौकी अंतर्गत उचलेंगा में संझउ उर्फ संजय उरांव 52 वर्ष निवास करता था. 22 अप्रैल को परिजन कहीं गए हुए थे. वह घर में अकेला था.
परिजन घर पहुंचे तो अधेड़ की हालत बिगड़ चुकी थी. उसने घर में रखे कीटनाशक का सेवन कर लिया था. घटना की जानकारी होने पर परिजनों ने तत्काल अधेड़ को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते पांच दिनों से उपचार चल रहा था.आखिरकार उसने गुरुवार की रात दम तोड़ दिया. अस्पताल से मेमो मिलने पर पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई शुरू की. इस दौरान परिजनों ने बताया कि संजय सात आठ साल से पाइल्स की बीमारी से ग्रसित था. उसका उपचार गांव में घूम-घूमकर इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे थे.इसके बावजूद सेहत में सुधार नहीं हो सका. वह अपनी बीमारी से परेशान था. संभवतः उसने बीमारी से तंग आकर कीटनाशक का सेवन किया होगा, जिससे उसकी मौत हुई है. बहरहाल पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई उपरांत मृतक के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. मामले में जांच की जा रही है.